हर कोई व्यक्ति परिश्रम करते समय सफलता के बारे में जरूर सोचता है। आइए जानते हैं कि सफलता को लेकर आचार्य चाणक्य ने क्या कहा है?
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि समझदार इंसान अपने काम को शुरू करने से पहले समय को जरूर परख लेता है। समय अनुकूल न होने पर प्रतीक्षा करनी चाहिए।
किसी कार्य को शुरू करने से पहले तीन बातों पर ध्यान देना चाहिए। पहला, कार्य को क्यों किया जा रहा है? दूसरा, इसका परिणाम क्या होने वाला है? और तीसरी बात में सफलता मिलेगी या नहीं।
यदि आपसे कोई गलती हो जाती है तो इस पर पछताना नहीं चाहिए। इन गलतियों से सीख लेकर भविष्य को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।
जो धन कष्टों के बाद मिले या जिस धन को पाने के लिए धर्म को त्यागना पड़े, जिसके लिए शत्रु के अधीन होना पड़े, उस धन का कभी भी मोह नहीं करना चाहिए। ऐसा करके धन अर्जित करना व्यर्थ होता है।
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस तरह से हजारों पशुओं के लिए बछड़ा अपनी माता को खोज लेता है, ठीक उसी प्रकार आपके कर्मों के फल भी तुम्हें खोज ही लेंगे।
एक समझदार आदमी वही होता है, जो अपनी कमाई और खर्चे को मैनेज करता है। जो व्यक्ति आय से ज्यादा खर्च करते हैं, वही हमेशा परेशानियों में ही रहते हैं।
आचार्य चाणक्य के इन वचनों का पालन करने से जीवन में सफलता मिलने में आसानी हो जाती है।
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