आचार्य चाणक्य की नीतियों को जिसने अपने जीवन में अपना लिया, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
चाणक्य द्वारा लिखित ग्रंथ चाणक्य नीति में उन्होंने मानव व्यवहार के बारे में विस्तृत उल्लेख किया है।
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में बताया है कि किस तरह के व्यक्तियों को अपना व्यवहार जल्द बदल लेना चाहिए।
चाणक्य के मुताबिक कभी भी बुरे चरित्र वाले व्यक्ति की संगति से जल्द ही जीवन में बुरा वक्त आ सकता है।
ऐसे व्यक्ति का समाज में कोई सम्मान नहीं होता और न ही बुरे वक्त में उसका कोई साथ देता है।
दुर्जन व्यक्ति के साथ रहने के मतलब है कि वह व्यक्ति नरक में रह रहा है। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके, बुरी संगति को त्याग देना चाहिए।
दोस्ती करने से पहले व्यक्ति की अच्छे से परख कर लेनी चाहिए। बराबर की हैसियत वालों से दोस्तों करना फायदेमंद होता है।
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