जो व्यक्ति चाणक्य नीति में बताए गए नियमों का पालन करता है। वह व्यक्ति जीवन के कई कठिन बाधाओं को आसानी से पार कर लेता है।
चाणक्य नीति जीवन में सफलता के कई अवसर प्रदान करने के बारे में बताती है, जिसके रचयिता आचार्य चाणक्य को माना जाता है।
आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को किन-किन कार्यों से बचना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अभ्यास नहीं त्यागना चाहिए। इससे वह किसी भी परेशानी को आसानी से सुलझा सकता है।
वहीं जो व्यक्ति अभ्यास को त्याग देता उसे जीवन भर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शिक्षा के क्षेत्र जो छात्र परिश्रम और निरंतर अभ्यास करता है उसे हमेशा सफलता मिलती है।
वहीं जो कार्य को टालता रहता है उसके लिए किसी भी प्रकार की शिक्षा व्यर्थ हो जाती है।
आधा अधूरा कार्य और अभ्यास एक व्यक्ति और खासकर विद्यार्थी के लिए विष के समान होता है।
व्यक्ति को ऐसे व्यवहार से बचना चाहिए और अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए।