आचार्य चाणक्य का नाम दुनिया के विद्वानों में शुमार है। उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।
चाणक्य विभिन्न विषयों में पारंगत थे। उन्होंने राजनीति, अर्थशास्त्र, रणनीति आदि पर खूब लिखा।
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति नामक किताब में कई बातें बताई हैं, जिनका पालन करके व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है।
चाणक्य के अनुसार, अपना लक्ष्य किसी से साझा करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपको नापसंद करने वाले लोग रुकावटें पैदा कर सकते हैं।
चाणक्य ने व्यक्तियों को अच्छे कर्म करने का उपदेश दिया है। चाणक्य का कहना है कि मोक्ष जीवन का अंतिम पड़ाव है और यह सत्कर्मों से प्राप्त होता है।
चाणक्य ने धर्म को सर्वोपरि बताया है। उनके अनुसार, धर्म के अनुसार चलने वाला वयक्ति सदैव सुखी होता है।
क्रोध में व्यक्ति अपनी मर्यादा भूल जाता है, जिससे उसके कार्य बिगड़ जाते हैं। चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को क्रोध से बचना चाहिए।
चाणक्य का कहना है कि जो भी व्यक्ति इस संसार में जन्म लेता है, उसे अपना उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए और उसी के अनुरूप कार्य करना चाहिए।
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