आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस किसी व्यक्ति के पास विद्या रूपी धन होता है, वह अपने कर्मों से धन एवं ऐश्वर्य की प्रात्ति करता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को सफलता के लिए बार-बार इन विषयों में सोचना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने समय को बहुत ही मूल्यवान बताया है, अर्थात जो व्यक्ति समय का पालन करता है। वही सफल बनता है।
जो व्यक्ति अच्छे मित्रों की संगत में रहता है, उसे कोई भी बुरी शक्ति अपने वश में नहीं कर सकती है।
जो व्यक्ति जिस स्थान पर रहता है, उसकी उन्नति के लिए हमेशा सोचता है वही श्रेष्ठ कहलाता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए आय-व्यय के साधनों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अंत में आचार्य चाणक्य ने स्वयं के विषय में और स्वयं की शक्ति के विषय में बताया है। जो व्यक्ति आत्मचिंतन कर स्वयं को पहचानता लेता है, वही अपनी शक्तियों का सही इस्तेमाल करता है।