आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य के सबसे बुद्धिमान लोगों में से एक हैं। चाणक्य की नीतियों का पालन लोग आज भी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, जिसने भी जन्म लिया उसकी मृत्यु निश्चित है। लेकिन मनुष्य अपने कर्मों का फल इसी जीवन में खुद भोगता है।
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में मनुष्य जीवन में संबंधित कई जानकारी साझा की है। जिसमें रिश्तों व संबंधों के बारे में भी जानकारी दी है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जीवन और अधिक आसान हो जाता है। जब रिश्ते व दोस्ती की डोर मजबूत होती है।
जीवन में कई दोस्त बनते हैं, कुछ लोग समय-समय पर साथ छोड़ देते हैं। चाणक्य के अनुसार, ये लोग जीवन में कभी भी साथ नहीं छोड़ते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन लोगों की दोस्ती ज्ञान से होती है। वह कभी भी परेशान नहीं होते हैं, अपने ज्ञान से परेशानियों का सामना करते हैं।
औषधी किसी भी व्यक्ति की सच्ची दोस्त होती है। औषधी आपको बीमारी से निजात दिलाने में मदद करती है। यदि इसका साथ न मिले तो व्यक्ति का स्वस्थ रहना काफी मुश्किल होता है।
नीति शास्त्र में धर्म को सबसे ऊपर माना गया है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन में सबसे ऊपर अपने धर्म को रखना चाहिए।