वर्ष 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवम्बर के दिन लगने जा रहा है। यह ग्रहण कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि के दिन लगेगा।
सूतक का अर्थ यह निकला जाता है कि 'वह समय जब पृथ्वी पर प्रकृति संवेदनशील स्तिथि में होती है।' इस अवधि में अनहोनी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
अगर सूर्य ग्रहण लग रहा है तो सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और यदि चंद्र ग्रहण लगने वाला है तो सूतक काल 9 से 10 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
सूतक के समय पूजा-पाठ पर पाबंधी लग जाती है। शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि सूतक के दौरान भगवान की प्रतिमा को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।
सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी सी गलती से भी अजन्मे बच्चे को ग्रहण के प्रभाव से हानी हो सकती है।
सूतक के दौरान भोजन पकाने और ग्रहण करने पर पाबंदी होती है। इस दौरान भोजन पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव पड़ता है। यह नियम बच्चों, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं पर लागु नहीं होती है।
सूतक काल के दौरान तुलसी के पौधे को छूने से भी बचना चाहिए। साथ ही ग्रहण को भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।