प्रभु श्रीराम के स्वागत के लिए अयोध्या नगरी पूरी तरह से सज गई है। आइए जानते हैं कि श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद कुंडली में क्या बदलाव दिखने वाले हैं?
अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग जश्न माना रहे हैं।
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय अयोध्या में मेष लग्न का उदय होगा। इसके अलावा धर्म स्थान पर मोक्ष स्थान के स्वामी बैठे हुए हैं। इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ योग बन रहा है।
कुंडली में नवांश में वृश्चिक लग्न है और उसके ऊपर गुरु की दृष्टि पड़ रही है। गुरु लग्न का मंगल के साथ परिवर्तन भी हो रहा है जिससे बहुत ही सौभाग्य वाला योग बन रहा है।
गुरु के ऊपर बलवान शनि की दृष्टि पड़ रही है। ये दोनों कुंडली के नवांश में प्रबल होकर आमने-सामने बैठे हैं। शनि के बैठने से कर्म और लाभ का स्थान भी बन रहा है।
ये दोनों ग्रह मंदिर बहुत प्रतिष्ठा देंगे। कुंडली के तीसरे और छठे पर बुध मंगल की तरफ बढ़ रहे हैं। दोनों के एक ही राशि में रहने से प्रतिष्ठा के लिए वाद विवाद रह सकता है।
लग्न में बैठे गुरु को विस्तार का कारक होंगे। इसका मतलब मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश को एक नई दिशा मिलेगी। 10 साल बाद बड़ा परिवर्तन होगा और विकास भी देखने को मिलेगा।
अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ