हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में मंत्रों का जाप करने के बहुत ही महत्व है।
कहा जाता है कि रोजाना मंत्रों का जाप करने से न सिर्फ आप जीवन में सफल होते हैं बल्कि आपकी मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है।
अगर आप इन मंत्रों का जाप करते हैं तो आप तमाम तरह की बीमारियों से दूर रहेंगे।
दरअसल पहले के समय में ऋषि-मुनि भी मंत्रों का जाप करते थे और इस तरह से वे खुद को स्वस्थ रखते थे।
धर्म ग्रंथों में बताए इन मंत्रों के नियमित जाप से न सिर्फ रोगों से निजात पाया जा सकता है बल्कि व्यक्ति स्वस्थ और दीर्घायु होता है।
सूर्य के समक्ष क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्। हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं मंत्र का जाप करने से हृदय रोग की समस्या से राहत मिलती है।
निरोगी जीवन या आरोग्यता के लिए भगवान शिव के मंत्र क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क का जाप रूद्राक्ष की माला से कम से कम एक माला जाप करें।
अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से जूझ रहा है तो उसे ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात् का जाप करना चाहिए।
स्वास्थ लाभ के लिए दुर्गासप्तशती के मंत्र देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं। रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि का 108 बार नियमित रूप से जाप करें।