हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली परेशानी भी दूर होने लगती है।
चैत्र नवरात्रि में मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। पूजा करते समय की मंत्र पढ़ने से मां ब्रह्मचारिणी की कृपा बनी रहती है।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय ‘या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि में ‘तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्, ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी, शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्’ स्रोत का पाठ करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय दूध से बनी मिठाई और खीर आदि का भोग लगाना चाहिए। इससे देवी मां प्रसन्न होने लगती हैं।
चैत्र नवरात्रि में पूजा के समय लाल फूलों का उपयोग करना चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय गुड़हल का फूल अर्पित करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि में खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान तामसिक चीजों को खाने से बचना चाहिए और अल्कोहल का सेवन करने से भी परहेज करें।
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