फाल्गुन अमावस्या करें इन मंत्रों का जाप, पितृ दोष होगा दूर


By Ashish Mishra09, Mar 2024 02:15 PMjagran.com

अमावस्या तिथि

इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं। आइए जानते हैं कि फाल्गुन अमावस्या को किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?

फाल्गुन अमावस्या कब है?

फाल्गुन मात्र की अमावस्या तिथि की शुरुआत 09 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट होगी। इस तिथि का समापन 10 मार्च को दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होगा।

पितृ दोष दूर करना

अगर आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं तो फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि को मंत्र का जाप करना चाहिए।

मंत्र का जाप करना

जीवन में आने वाले परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे सारे दोष दूर होने लगते हैं और सुख-समृद्धि आती है।

पितृ दोष करने का मंत्र

अगर आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं तो ‘ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि, शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना

नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को दूर करने के लिए गायत्री मंत्र ‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ का जाप करना चाहिए।

तर्पण करते समय पढ़ें यह मंत्र

अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण करते समय ‘ॐ कुल देवताभ्यो नमः’ का मंत्र करना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होने लगते हैं।

बैकुंठ की प्राप्ति के लिए मंत्र

अमावस्या के दिन स्नान करते समय ‘अयोध्या मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका’ मंत्र पढ़ना चाहिए। इससे बैकुंठ की प्राप्ति होती है।

पढ़ते रहें

साल-भर पड़ने वाले त्योहार और विशेष तिथियों पर मंत्र का जाप करने और अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ

शुक्र के राशि परिवर्तन से ये 3 राशियां होंगी मालामाल