सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान भैरव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि कालाष्टमी पर किन मंत्रों का जप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, इस बार कालाष्टमी 22 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा-पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
पंचांग के अनुसार, इस बार कालाष्टमी तिथि की शुरुआत 22 नवंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 23 नवंबर को शाम 07 बजकर 56 मिनट पर होगा।
पूजा-पाठ करते समय मंत्र का जप करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होने लगते हैं। इसके अलावा, देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
कालाष्टमी पर भैरव बाबा की पूजा करते समय ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं मंत्र का जप करना चाहिए। इससे काल भैरव प्रसन्न होते हैं।
कालाष्टमी के दिन ॐ ह्रीं विराजे नम: या ॐ ह्रीं कला-काष्ठा-तनवे नम: मंत्र का जप करना शुभ होता है। इससे धन से जुड़ी समस्या दूर होने लगती है।
अगर आप जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो कालाष्टमी पर ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय मंत्र का जप करें। इससे बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
कालाष्टमी पर इन मंत्रों का जप करने से साधक की मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही, करियर में सफलता के योग बनते हैं और धन से जुड़ी समस्या दूर होती है।
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