हर साल में दो बार नवरात्रि पर्व मनाया जाता है, इसके साथ ही दो बार गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है। इन दिनों में 10 महाविद्याओं की गुप्त तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है।
गुप्त नवरात्रि माघ महीने और आषाढ़ महीने में मनाई जाती है। माघ महीने में पड़ने वाली नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु हो रही है।
गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से शुरु हो रही है और 18 फरवरी को समापन हो रहा है। इन दिनों में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये महाविद्याएं मां दुर्गा का ही रूप हैं। इन दिनों में इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।।
ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।।
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क ए ह ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं महाज्ञानमयी विद्या षोडशी मॉं सदा अवतु।।
ऐं ह्रीं श्रीं।।
हस्त्रौं हस्क्लरीं हस्त्रौं।।
धूं धूं धूमावती ठः ठः।।
ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम् वाचं मुखं पदं स्तम्भय-स्तम्भय जिह्वा कीलय-कीलय बुद्धि विनाशाय-विनाशाय ह्रीं ऊँ स्वाहा।।
ऊँ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।।
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः जगत्प्रसूत्यै नमः।।
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