गुप्त नवरात्रि पर महाविद्या पाने के लिए करें इन मंत्रों का जाप


By Amrendra Kumar Yadav08, Feb 2024 01:24 PMjagran.com

गुप्त नवरात्रि

हर साल में दो बार नवरात्रि पर्व मनाया जाता है, इसके साथ ही दो बार गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है। इन दिनों में 10 महाविद्याओं की गुप्त तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है।

कब होती है गुप्त नवरात्रि?

गुप्त नवरात्रि माघ महीने और आषाढ़ महीने में मनाई जाती है। माघ महीने में पड़ने वाली नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु हो रही है।

10 फरवरी से शुरु हो रही गुप्त नवरात्रि

गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से शुरु हो रही है और 18 फरवरी को समापन हो रहा है। इन दिनों में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये महाविद्याएं मां दुर्गा का ही रूप हैं। इन दिनों में इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

माता काली मंत्र

ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।।

देवी तारा मंत्र

ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।।

देवी छिन्नमस्ता मंत्र

श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।

देवी षोडशी मंत्र

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क ए ह ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं महाज्ञानमयी विद्या षोडशी मॉं सदा अवतु।।

देवी भुवनेश्वरी मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं।।

देवी त्रिपुर भैरवी मंत्र

हस्त्रौं हस्क्लरीं हस्त्रौं।।

देवी धूमावती मंत्र

धूं धूं धूमावती ठः ठः।।

देवी बगलामुखी मंत्र

ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम् वाचं मुखं पदं स्तम्भय-स्तम्भय जिह्वा कीलय-कीलय बुद्धि विनाशाय-विनाशाय ह्रीं ऊँ स्वाहा।।

देवी मातंगी मंत्र

ऊँ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।।

देवी कमला मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः जगत्प्रसूत्यै नमः।।

पढ़ते रहें

धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com

वास्तु से जुड़ी ये 4 गलतियां करेंगे तो नहीं टिकेगा तिजोरी में पैसा