कई बार कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
रोजाना सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इसे दौरान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से मनोकामना पूरी होने लगती है।
कुछ मंत्र ऐसे होते हैं जिसे पढ़ने से जीवन में आने वाली नकारात्मकता दूर होने लगता है। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय कुछ मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
रोजाना स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करते समय 'ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः' मंत्र पढ़ना चाहिए। इससे सारे दुख दूर होने लगते हैं।
सूर्य को मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे में रोली और लाल फूल डालकर 'ऊं आदित्य नम:’ मंत्र के साथ रोजाना जल अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सफलता के योग बनने लगते हैं।
सूर्य देव को जल अर्पित करते समय दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए। जल देते समय मुख पूर्व दिशा की तरफ करना चाहिए।
सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद जल सामने गिरता है। इस जल को मस्तक पर लगा लेना चाहिए। ऐसा करने से सारी इच्छाएं पूरी होने लगती हैं।
रोजाना स्नान करने के बाद नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही परिवार के लोग तरक्की करते हैं।
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