इस बार का छठ पर्व 17 नवंबर से शुरू हो चुका है। इस पर्व के दौरान व्रत रखा जाता है, जो बहुत ही दुर्लभ और कठिन होता है। व्रत रखने वाली महिलाएं 36 घंटे निर्जला व्रत रहती हैं।
छठ के इस पावन त्यौहार में माता छठी को प्रसन्न करने और संतान की दीर्घायु और रक्षा के लिए इन खास उपायों को अवश्य करें।
प्रातःकाल उठ कर स्नान के पश्चात एक लकड़ी के पटे में सफेद वस्त्र बिछा भगवान सूर्य को आसन दें और सूर्योदय के साथ ही तांबे के लोटे से भगवान को अर्घ्य दें।
धूप, दीप, अक्षत, पीले वस्त्र उन्हें अर्पित करें और गुड़ से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं। सूर्य देवता के नाम की माला करें।
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद बहते हुए जल में तांबे का एक चौकोर टुकड़ा जल में प्रवाहित कर दें। इससे संतान के ऊपर पड़ने वाले अशुभ प्रभाव को रोका जा सकता है।
किसी भी दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद एक कपड़े में गेहूं और गुड़ बांध ले इसे भगवान सूर्य और माता छठी के नाम अर्पित कर किसी को दान दें।
नकारात्मक ऊर्जा से संतान को बचाने के लिए बहते हुए जल में गुड़ और कच्चे चावल को प्रवाहित कर दें। इससे जलीय जीव का पेट भरेगा और आपकी संतान की आयु में वृद्धि होगी।
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