महापर्व छठ की शुरुआत 17 नवंबर से हो चुकी है। हिंदू धर्म में यह व्रत बेहद खास माना गया है, जो लोग इस दौरान सच्चे दिल से पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें जीवन में कभी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है।
यह पर्व सूर्य देव और छठ माता की पूजा के लिए समर्पित है। जो लोग भगवान सूर्य की विशेष पूजा करते हैं और उनके कवच का पाठ करते हैं। सूर्य नारायण उनकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्। शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।
देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम। ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत् ।।
शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:। नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर: ।।
ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:। जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित: ।।
सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके। दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय: ।।
सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:। सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति'' ।।
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