पांच दिवसीय दिवाली के पर्व में आखिरी यानी पांचवें भाई दूज का दिन मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा।
भाई दूज मुख्यतः भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं साथ ही चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है।
चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के मन से हुआ था। उन्हें देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है। उनके पास हर मनुष्य की अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रहता है।
अर्पित भगवान चित्रगुप्त की पूजा के दौरान उन्हें कलम और कागज अर्पित किए जाते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को शिक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आप पूजा में अर्पित की गई कलम का इस्तेमाल रोजाना में कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक पर चित्रगुप्त जी की कृपा बनी रहती है।
भाई दूज के दिन सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि से निवृत हो जाए। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
पूजा के स्थान पर एक चौकी बिछाकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद इस चौकी पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर स्थापित करें।
अब तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं और भगवान चित्रगुप्त को मिठाई और फूल अर्पित करें। इसके बाद एक कागज पर हल्दी लगाकर श्री गणेशाय नमः लिखें।
अंत में चित्रगुप्त जी की आरती करें और सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com