कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से निकलते हैं, जिससे चातुर्मास समाप्त हो जाता है।
देवउठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी और देव प्रबोधिनी एकादशी जैसे नामों से भी जाना जाता है।
देवउठनी एकादशी के खास मौके पर लोग अपने घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल को रंगोली और फूलों से सजाते हैं।
देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह करना शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शालिग्राम की विधिवत पूजा करके देवी तुलसी के साथ विवाह संपन्न कराया जाता है।
देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह में रंगोली बनाना शुभ माना जाता है। इस दिन मंदिर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने से भगवान शिव और विष्णु की कृपा बनी रहती है।
हिंदू धर्म में ज्यादातर त्योहारों पर घर को रंगोली से सजाया जाता है और इसे शुभ भी माना जाता है।