सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के समय दीपक जलाने की प्राचीन परंपरा है।
जब भी कोई पूजा, आरती या धार्मिक अनुष्ठान होता है, तब दीपक की ज्योति को प्रज्वलित किया जाता है।
मिट्टी और विभिन्न आटे के दीपक का अपना विशेष महत्व है, जिससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गेहूं के आटे का दीपक जलाने से वाद-विवाद से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों को विवादों में उलझना पड़ता है या वे पहले से उसमें उलझे हैं, उन्हें गेंहू के आटे का दीपक जलाना चाहिए।
मूंग के आटे का दीपक जलाना घर की सुख-शांति के लिए शुभ होता है। इसे जलाने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
उड़द के आटे का दीपक अपने शत्रुओं से परेशानी से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना जाता है। इसे जलाने से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है।
यदि किसी की कोई मनोकामना हो तो वह एक से 11 दीपक जला सकता है।
पहले दिन एक दीपक, दूसरे दिन दो दीपक, और ऐसे हीं धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं।
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