भुतहा बंगला के नाम से कुख्यात शामनाथ मार्ग का बंगला नंबर 33 एक बार फिर चर्चा में है।
यह वही बंगला है जहां पर स्थित दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष के कार्यालय को उपराज्यपाल के आदेश पर सील कर दिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब इस बंगले को लेकर विवाद हुआ हो। आजादी के बाद से यहां से नेतृत्व देने वालों के साथ विवाद की कहानियां जुड़ती रही हैं।
जो भी यहां रहा या फिर जिसने यहां कार्यालय बनाया उसके साथ विवाद जुड़ता रहा है। पूर्व में यहां रहने वाले दो मुख्यमंत्री तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश और मदन लाल खुराना ने अपना यहां निवास बनाया। बाद में दोनों मुख्यमंत्रियों को कार्यकाल ख़त्म होने से पहले ही पद छोड़ना पड़ा।
ऐसी अफवाह फैल गई कि यह बंगला मनहूस है, मुख्यमंत्री बनने के बाद साहब सिंह वर्मा और शीला दीक्षित ने इस बंगले में रहने से मना कर दिया था।