धनतेरस और दीवाली का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह अपने पिछले जन्म में चोर थे।
पौराणिक कथा के अनुसार, कुबेर लंकापति रावण के सौतेले भाई हैं, जिन्हें धन का देवता माना जाता है।
स्कंद पुराण के अनुसार भगवान कुबेर का जन्म उनके पिछले जन्म में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जिसका नाम गुणनिधि था लेकिन उनमें एक अवगुण था कि उन्होंने चोरी करना शुरू कर दिया।
जब पिता को उनके अवगुण के बारे में पता चला, तो उन्हें उनके घर से निकाल दिया गया।
भूख मिटने के लिए मंदिर से प्रसाद चुराने की योजना बनाई और जैसे ही उसे मौका मिला मन्दिर में जा पहुंचे।
पुजारी की नजरों से बचने के लिए उन्होंने दीपक के सामने अपना अंगोछा फैला दिया लेकिन गुणनिधि चोरी करते हुए पकड़े गए और इस हाथापाई में उनकी मौत हो गई।
भोलेनाथ को ऐसा लग रहा था कि गुणनिधि ने एक अंगोछा बिछाकर उनके लिए जलते दीपक को बुझने से बचाया है, इससे प्रसन्न होकर गुणनिधि को कुबेर की उपाधि प्रदान की।