प्री-डायबिटीज़ में ग्लूकोज़ के स्तर को कंट्रोल करने के लिए बादाम का सेवन बेहद ज़रूरी है। बादाम में फाइबर, विटामिन-ई, मैग्नीशियम, और विटामिन-बी12 की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए इसे ज़रूर खाएं।
ग्लायसेमिक इंडेक्स काफी कम होने की वजह से पिस्ता को टाइप-2 डायबिटीज़ में खाया जा सकता है। अगर आप डाइट में पिस्ता की अच्छी मात्रा लेते हैं, तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी सुधार हो सकता है।
यह ड्राईफ्रूट ओमेगा-3 से भरा होता है, साथ ही इसमें प्रोटीन और पॉलीसैचुरेटेड फैट्स भी होते हैं। अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स से भरा अखरोट ग्लूकोज़ को कंट्रोल करने और भूख को दबाने में मददगार साबित होता है।
काजू में एंटी-डायबीटिक गुण होते हैं, और फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इसमें अधिक गुड फैट्स होते हैं, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को फायदा पहुंचाते हैं। काजू का रोज़ाना सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
यह भी फाइबर, प्रोटीन और फैट्स से भरपूर होती है, इसी के साथ इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसलिए मूंगफली शुगर के स्तर को बढ़ने से रोक सकती है।
ड्राईफ्रूट्स सेहत के लिए बेहतरीन ज़रूर होते हैं, लेकिन अगर आप दिल की बीमारी, कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बगैर इनका सेवन न करें।