अकाउंट के इन-ऑपरेटिव या डॉर्मेंट हो जाने पर जालसाजी का खतरा बढ़ जाता है।
एक से अधिक सेविंग अकाउंट होने पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने में कठिनाई हो सकती है।
कई बैंक अकाउंट होने से आपको एसएमएस अलर्ट और डेबिट कार्ड जैसी चीजों के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
एक साथ कई अकाउंट में थोड़ा-थोड़ा पैसा रखने से बेहतर है कि आप अपना पैसा एफडी में लगाएं।
सेविंग बैंक में आपको लगभग बहुत कम ब्याज मिलता है, जबकि एफडी में ब्याज दर अधिक है।
कई बैंक अकाउंट होने पर टीडीएस कटौती में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आपको आइटीआर फाइल करते समय सभी बैंक खातों की जानकारियां आयकर विभाग को देनी पड़ेंगी।