लक्ष्मी गणेश जी मूर्ति ऐसी है जिसमें वह बैठी मुद्रा में नजर आ रहे हैं। कभी भी ऐसी मुद्रा में मूर्ति न खरीदे जिसमें वह खड़ी मुद्रा में हो।
मूर्ति खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गणेश जी की सूड़ बाएं ओर मुड़ी हो। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं।
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति खरीदे जिसमें वह कमल में विराजमान हो और उके हाथ वरमुद्रा में हो और धनवर्षा कर रहा हो।
भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय मूषक यानी चूहा का जरूर ध्यान रखें। मूर्ति में इनके न होने पर दोष लगता है।
भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति बिल्कुल न खरीदे जिसमें दोनों एक में ही जुड़ी हो। हमेशा विग्रह यानी अलग-अलग मूर्ति खरीदनी चाहिए।
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदे जिसमें वह उल्लू में सावर हो। ऐसी मूर्ति अलक्ष्मी या काली लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। इसके साथ ही खड़ी मुद्रा में मां लक्ष्मी की मूर्ति न खरीदें।
पूजा करते समय गणपति और लक्ष्मी माता की मूर्ति घर की पूर्व दिशा या घर के मध्य स्थान पर रखें और फिर विधिवत पूजा करें।