हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है।
इस बार यह पर्व 19 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन न्याय के देवता शनि देव की पूजा-उपासना की जाती है।
इसके अलावा पवित्र नदी में स्नान-ध्यान, पूजा, जप, तप और दान का विधान है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन पूजा जप, तप और दान करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातक पर शनि देव की कृपा बरसती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
अगर आप साढ़े साती या शनि की ढैय्या से पीड़ित हैं, तो शनि जयंती के दिन काली चीजों का दान करें।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले न्याय के देवता को प्रणाम करें।
इसके बाद स्नान करें और स्नान करने के बाद पीपल के वृक्ष को जल का अर्घ्य दें और 7 बार परिक्रमा करें।
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