प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, पंचांग के अनुसार यह हर महीने में दो बार पड़ता है, पहला कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है।
प्रदोष व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है, इस दिन शनिवार पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं।
नवंबर माह की शुरुआत में पड़ने वाले इस पर्व में भगवान शिव के साथ शनि देव की पूजा करने से विशेष फल मिलेगा।
शनि प्रदोष के दिन इन कार्यों को करना शुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार नवंबर माह का पहला शनि प्रदोष व्रत शनिवार 05 नवंबर को शाम 05:06 बजे से शुरू होकर रविवार 06 नवंबर को शाम 04:26 बजे तक रहेगा।
शनि प्रदोष व्रत के दिन शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ इस दिन छाया दान करना अच्छा माना जाता है।
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें, इसके साथ ही शिवलिंग में जलाभिषेक करें, इसके लिए जल के लोटे में कुछ काले तिल डाल लें।