शिवसेना पार्टी में दो गुट होने के कारण चुनाव आयोग ने शिवसेना का चुनाव चिन्ह जब्त कर दोनो गुटों को नया चुनाव चिन्ह प्रदान किया है।
कांग्रेस का चुनाव चिन्ह वर्तमान में पंजा है, लेकिन 1969 से पहले कांग्रेस का चुनाव चिन्ह दो बैलों की जोड़ी हुआ करती थी।
1969 के समय कांग्रेस में विभाजन के कारण चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया था।
विभाजन के बाद कामराज के नेतृत्व वाली पुरानी कांग्रेस को तिरंगे में चरखा चुनाव चिन्ह मिला। जबकि नई इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को गाय और बछड़े का चिन्ह मिला था।
1977 में आपातकाल के बाद चुनाव आयोग ने गाय और बछड़े वाले चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया था, इसके कांग्रेस को हाथ के पंजे वाला चुनाव चिन्ह मिला था।
2021 में चुनाव आयोग ने लोक जन शक्ति पार्टी में फूट के कारण उनका चुनाव चिन्ह फ्रीज कर दिया था।
2017 में समाजवादी पार्टी में आपसी खींचतान के कारण मामला चुनाव आयोग पहुंचा, हालांकि चुनाव चिन्ह जब्त होने से बच गया था।