हिजाब से पहले इन मुद्दों पर भी जुदा रहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट के जजों की राय


By Abhishek Pandey17, Oct 2022 03:43 PMjagran.com

तीन तलाक केस

1998 में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक के एक मामले में जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने बंटा हुआ फैसला सुनाया था।

दिल्ली में सर्विसेज पर किसका कंट्रोल

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में सर्विसेज पर किसका कंट्रोल हो। इसे लेकर जस्टिस ए. के. सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की दो जजों की बेंच की राय बंटी हुई थी।

14 फरवरी 2019

हत्या के मामले में दोषी को संदेह का लाभ यानी बेनिफिट ऑफ डाउट मिल सकता है। इस पर जस्टिस प्रफुल्ल सी. पंत और जस्टिस आर. एफ. नरीमन ने 14 फरवरी 2019 को फैसला सुनाया।

दोनो जजों की राय अलग

इस मामले पर दोनो जजों की बेंच ने बंटा हुआ फैसला दिया। दोनों जजों की राय एक दूसरे से उलट थी।

28 जुलाई 2015

जस्टिस अनिल आर. दवे और जस्टिस कुरियन जोसेफ की दो बेंच ने आतंकी याकूब मेमन के डेथ वारंट को लेकर बंटा हुआ फैसला सुनाया।

28 अप्रैल 2011

दो जजों की एक बेंच ने बीसीसीआई की एक क्लाज पर बंटा हुआ फैसला दिया था। जस्टिस जे. एम. पांचाल ने क्लॉज 6.2.4 में संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

आईपीएल टीम में हिस्सेदारी नहीं

जबकि जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा ने याचिका को यह कहते हुए मंजूरी दी कि बीसीसीआई के पदाधिकारियों का किसी आईपीएल टीम में हिस्सेदारी नहीं हो सकती।

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