जंक फूड किसी भी तरह से हेल्थ के लिए सही नहीं होते, तो इन्हें पूरी तरह से अपनी डाइट से आउट कर दें। जंक के अलावा पैक्ड फूड आइटम्स खाने से भी बचें।
बहुत ज्यादा कॉफी, चाय पीना भी हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों के लिए सही नहीं। क्योंकि कैफीन की रोजाना 300 मिलीग्राम से ज्यादा मात्रा में सेवन से थायरॉइड की समस्या को बढ़ा सकती है।
रिसर्च में पता चला है कि सोयाबीन और सोया युक्त फूड आइटम्स में फाइटोएस्ट्रोजन मौजूद होता है, जो उन एंजाइम के फंक्शन्स में बाधा डाल सकते हैं, जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करते है।
इन सबके अलावा कैल्शियम और आयरन रिच फूड्स का ज्यादा सेवन भी कई सारी थायराइड दवाओं के असर को कम कर सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही इनका सेवन करें।
हाइपोथायरायडिज्म की प्रॉब्लम आयोडीन की कमी की वजह से भी हो सकती है। तो ऐसे में डॉक्टर्स आयोडीन युक्त चीज़ों को खाने की सलाह देते हैं लेकिन ज्यादा मात्रा में सेवन न करें।
ग्लूटेन वाली चीजों से शरीर में सूजन बढ़ सकती है। तो जितना हो सके इनसे परहेज करें। ग्लूटेन एक प्रोटीन होता है, जो जौ, गेहूं, राई जैसे प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है।
थायराइड रोगियों को तली-भुनी चीजें न खाने की सलाह दी जाती है। खासतौर से फैट से भरपूर चीज़ें इसमें बिल्कुल न खाएं, इससे वजन बढ़ सकता है। साथ ही हार्मोन का उत्पादन भी असंतुलित हो सकता है।