गर्मियों के मौसम में हार्मोनल असंतुलन की समस्या काफी देखने को मिलती है। इस दौरान पीसीओएस, हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म जैसे मुद्दों की समस्या हो सकती है।
हमारे खाने की आदतों का भी हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है जिससे वजन बढ़ना, त्वचा की समस्याएं और यहां तक कि मूड स्विंग्स जैसे कई लक्षण हो सकते हैं।
गर्मी के मौसम में कुछ ऐसे फूड्स होते हैं जिनके सेवन से हार्मोनल असंतुलन ट्रिगर हो सकता है। इससे हमारी हार्मोनल स्थिति हो खराब हो सकती है।
गर्मियों में हार्मोनल असंतुलन को ट्रिगर करने वाले अवयवों को समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने एक प्रमाणित पोषण कोच तनीषा बावा से संपर्क किया। चलिए जानते हैं ऐसे कुछ फूड्स के बारे में
सोया में फाइटोएस्ट्रोजन नामक एक प्रमुख बायोएक्टिव पदार्थ होता है, जो शरीर में एस्ट्रोजन के समान कार्य करता है। इसके कारण ओव्यूलेशन चक्र बाधित हो सकता है, जिससे प्रजनन स्वास्थ्य में बाधा आ सकती है।
डेयरी उत्पाद हार्मोनल असंतुलन पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। दूध और इसके उत्पाद पाचन तंत्र में सूजन पैदा करते हैं और हार्मोन के साथ खिलवाड़ करते हैं। दूध का अत्यधिक सेवन ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़
आहार में रिफाइंड ग्रेन्स के सेवन को कम करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि कर सकते हैं। इससे अधिक इंसुलिन उत्पादन हो सकता है, जो सेहत के लिए हानिकारक है।
आर्टिफिशयल स्वीटनर हार्मोनल संतुलन के साथ गड़बड़ कर सकते हैं क्योंकि ये आंत के अंदर बैक्टीरिया को प्रभावित करते हैं और इससे भूख बढ़ाती है। चीनी भी हार्मोन के असंतुलन का कारण बन सकती है।
कॉफी, शराब और चाय जैसे कैफीन उत्पादों का अधिक सेवन आपके नींद चक्र को बाधित कर सकता है और साथ ही हार्मोनल असंतुलन भी पैदा कर सकता है।