जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय यानि जेएनयू की स्थापना के लिए 1 सितंबर 1965 को राज्यसभा में विधेयक पेश किया गया था।
जेएनयू की स्थापना के लिए विधेयक पेश करने वाले शख्स थे तत्कालीन शिक्षा मंत्री एमसी छागला।
लोकसभा में 16 नवंबर 1966 को विधेयक पारित हुआ। इसके बाद साल 1969 में संसद से कानून बनने के बाद इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।
संसद में इस विश्वविद्यालय का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के नाम पर रखा गया।
जेएनयू की स्थापना के बाद जी पार्थसार्थी जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बनाए गए थे।
आज दुनिया के अलग-अलग देशों में फैले करीब 71 विश्वविद्यालयों के साथ जेएनयू शैक्षणिक सहयोग और एक्सचेंज प्रोग्राम्स चला रहा है।
इसके साथ ही दिल्ली, उत्तरप्रदेश और देशभर के 20 संस्थानों को जेएनयू से मान्यता मिली हुई है।
जेएनयू को वर्ष 2017 में राष्ट्रपति की ओर से सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का पुरस्कार भी मिल चुका है।