पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान महिलाएं सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं।
कई साल पहले लोग पैड का नाम लेने से बहुत झिझकते थे, आज इतने सालों बाद भी लोग पैड को काले रंग की पॉलिथीन या कागज में लपेट कर ले जाते हैं।
आइए जानते हैं पैड की शुरुआत कैसे हुई थी।
आप सब यह जानकार हैरान होंगे कि पैड महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पुरुषों के लिए बनाया गया था।
डिस्पोजेबल पैड प्रथम विश्व युद्ध में घायल सैनिकों के खून को रोकने के लिए फ्रांस में कार्यरत नर्सों द्वारा बनाया गया था।
फ्रांस में जब सैनिकों के लिए सैनिटरी पैड बनाए गए, तो वहां काम करने वाली महिला नर्सों ने भी पीरियड्स में पैड्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दी।
जॉनसन ऐंड जॉनसन ने पहली बार 1896 में 'लिस्टर्स टॉवल्स' नाम से डिस्पोजेबल नैपकिन की शुरुआत की।
समय बीतने के साथ सैनिटरी नैपकिन के रूप में कई बदलाव हुए हैं, बाजार में कई ब्रांड के सैनिटरी पैड उपलब्ध हैं।