Ganesh Chaturthi 2023 : कैसे शुरु हुई गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा? जानें


By Amrendra Kumar Yadav16, Sep 2023 01:00 PMjagran.com

गणेश चतुर्थी

हर साल इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसे बड़े स्तर पर मनाया जाता है।

बड़े-बड़े पंडाल

इस दिन गणेश जी के बड़े-बड़े पंडाल लगते हैं और इनमें गणपति जी की मूर्ति स्थापित की जाती है।

पेशवा के कुल देवता

मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के राज में हर घर में गणेश जी की पूजा होती थी क्योंकि गणेश जी पेशवाओं के कुल देवता हैं।

साम्राज्य का सिकुड़ता स्वरूप

हालांकि समय के साथ-साथ पेशवाओं का साम्राज्य कमजोर होता गया जिससे इस पर्व का उत्सव भी कम होने लगा।

लोकमान्य तिलक

हालांकि लोकमान्य तिलक ने आजादी की लड़ाई के समय एक बार फिर से इस पर्व को बड़े स्तर पर मनाने की कोशिश की। इसमें वे काफी हद तक सफल भी रहे।

1893 से फिर शुरू हुआ

सन 1893 से एक बार फिर से इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाने लगा, जिसके बाद हर साल इस पर्व को बड़े स्तर पर मनाया जाता है।

तिलक ने बनाई परंपरा

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ही गणेश जी की प्रतिमा जनता में लगाई और दसवें दिन इसे नदियों में विसर्जित करने की परंपरा स्थापित की।

सबके भगवान

लोकमान्य तिलक ने गणेश जी को सबके भगवान कहा और गणेश चतुर्थी को भारतीय त्यौहार घोषित किया।

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