साल 2024 के आम चुनाव कुछ ही दिनों में होने हैं, चुनाव आयोग जल्द ही इसके लिए अधिसूचना जारी करेगा, सभी पार्टियां लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस चुकी हैं और चुनाव प्रचार का दौर शुरू हो गया है।
जैसे ही चुनाव आते हैं, सभी गली, मोहल्लों में पार्टियों के पोस्टर, बैनर की भरमार होती है, इसके साथ ही राजनैतिक पार्टियां जनता तक अपना प्रचार करने के लिए रैलियां और अन्य तरीकों का इस्तेमाल करती हैं।
ऐसे में सोचना लाजिमी है कि राजनैतिक पार्टियों के पास इतना पैसा कहां से आता है, पार्टियों के आय के मुख्य स्रोत क्या हैं, इसकी चर्चा करेंगे।
राजनैतिक पार्टियों के पास पैसा मुख्य रूप से क्राउड फंडिग, सदस्यता अभियान, पार्टी का साहित्य बेचकर मिली राशि, स्वैच्छिक दान और कार्पोरेट चंदे से आता है।
हालांकि 2019 में एसोशियन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की मुख्य पार्टियों को रकम मिली, उसका 53 प्रतिशत हिस्सा कहां से आया, इसके स्रोतों का पता नहीं चल पाया है।
वहीं मेंबरशिप की बात करें तो राजनैतिक पार्टियों को 11 फीसदी की रकम मेंबरशिप से प्राप्त हुई थी। देश की 5 प्रमुख पार्टियों की बात करें तो इनकी 36 प्रतिशत आय के स्रोतों की ही जानकारी मिली है।
साल 2019 में बदलावों के अनुसार, राजनैतिक पार्टियां अब विदेशों से भी चंदा ले सकती हैं, इसके अलावा कोई भी कंपनी किसी भी पार्टी को कितनी भी रकम दे सकती है।
वहीं राजनैतिक पार्टियों को बेनामी नकद चंदे की राशि 2 हजार तय की गई है, यह राशि पहले 20 हजार थी, हालांकि लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करने वाले लोगों का कहना है कि बेनामी राशि निश्चित की जानी चाहिए जिससे आय के स्रोत नियंत्रित हो सकें।
राजनैतिक पार्टियां इन तरीकों से अपना फंड जुटाती हैं, ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें JAGRAN.COM