डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में पिछले कई महीने से उतार-चढ़ाव जारी है।
इसलिए रुपया डॉलर के मुकाबले 82 रुपये पर आ गया है।
रुपये में कमजोरी कई वजह से होती है। इसका सबसे आम कारण है डॉलर की डिमांड बढ़ जाना। अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाली किसी भी उथल-पुथल से निवेशक घबराकर डॉलर खरीदने लगते हैं।
ऐसे में डॉलर की मांग बढ़ जाती है और बाकी मुद्राओं में गिरावट शुरू हो जाती है।
रुपये की कीमत गिरने का सबसे बड़ा प्रभाव पेट्रोल-डीजल की कीमत पर पड़ता है, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से अधिक कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है।
जब भी रुपये की कीमत में गिरावट होती है तो महंगाई में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। ऐसे में आरबीआई को महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ता है।
विदेश यात्रा करने या विदेश घूमने का सपना देखने वाले के लिए विदेशों के टूर पैकेज, रहना- खाना और घूमना सभी महंगा हो जाता है।