एसीडिटी या फिर गैस्ट्रोइसोफेगल रीफल्क्स डिसीज़ (GERD) तब होती है, जब पेट का ऐसिड बार-बार इसोफेगस की ओर चला जाता है। इससे आपके इसोफेगस की लाइनिंग को नुकसान पुहंच सकता है।
संतरे, ग्रेपफ्रूट और नींबू को खाली पेट खाने से एसीडिटी हो सकती है। इनकी जगह बेहतर है कि केला, चीकू और मेलन जैसे फल खाएं, जो आंत को शांत रखते हैं।
व्रत के दौरान जरूरी होता है कि हम शरीर को हाइड्रेट रखें। ठंडे पानी की जगह गुनगुना या फिर गर्म पानी पिएं। साथ ही एक साथ खूब सारा पानी पी लेने की जगह धीरे-धीरे पानी का सेवन करें।
उपवास में छाछ और ठंडे दूध जैसे ड्रिंक्स पिएं। यह पेट को ठंडा रखने के साथ शांत भी रखते हैं। साथ ही नारियल पानी पीने से भी शरीर का पीएच स्तर संतुलित रहता है और शरीर से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं।
केले और खरबूजे जैसे फल जरूर खाएं। केलों में पोटैशियम का स्तर काफी होता है, जो एसिडिटी से बचाने के लिए जाना जाता है। इसमें फाइबर भी होता है, जो व्रत में फायदा करता है।
उपवास के साथ अगर आप वर्कआउट भी करते हैं, तो इससे आपके शरीर को एनर्जी मिलती है, आपका पाचन सही रहता है और पेट तक रक्त प्रवाह भी बना रहता है।
ऐसे फूड्स पर फोकस रखें, जो कब्ज से बचाने का काम करते हैं। ताकि इससे आपका पाचन सही रहे। राजगिरी का आटा, कुट्टू का आटा, समक के चावल, मखाना आदि फूड्स पर्याप्त फाइबर देते हैं।