आषाढ़ अमावस्या पर ऐसे करें पितरों को प्रसन्न


By Ashish Mishra26, Jun 2024 12:40 PMjagran.com

आषाढ़ अमावस्या

हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?

आषाढ़ अमावस्या कब है?

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जुलाई को सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 06 जुलाई को 04 बजकर 26 मिनट पर होगा।

आषाढ़ अमावस्या पूजा विधि

अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और पितरों की जाती है। इस दिन सुबह गंगा में स्नान करने के देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए। आप पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।

शुभ योग का निर्माण

आषाढ़ अमावस्या पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में स्नान-दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अमावस्या के शिव जी का अभिषेक भी कर सकते हैं।

दान करें

आषाढ़ अमावस्या पर गरीबों को अन्न और वास्त्र दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

चींटियों को आटा खिलाएं

आषाढ़ अमावस्या के दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाना चाहिए। ऐसा करने से पापों से छुटकारा मिलता है और पितर भी प्रसन्न होते हैं।

भगवान विष्णु की पूजा करें

आषाढ़ अमावस्या पर स्नान करने के बाद सूर्य देव, भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं।

दीपक जलाएं

पितृ दोष से मुक्ति के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने जीवन में आने वाली परेशानियां भी दूर होने लगती हैं।

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