शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता कहा जाता है। वह सभी को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जिस पर भी शनि देव की कृपा होती है, उसे सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
शनि देव इन दिनों अपनी स्वराशि कुंभ राशि में विराजमान हैं। 30 जून को रात 12 बजकर 35 मिनट पर वह इसी राशि में वक्री हो रहे हैं।
शनि की उल्टी चाल से लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिनको अपनाकर नकारात्मक प्रभावों से दूर रहेंगे।
इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की भी पूजा करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
वहीं, शनि देव के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा पढ़ने से भय और अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
शनि देव के बुरे प्रभावों से बचने के लिेए तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। तामसिक भोजन करने से शनि देव नाराज होते हैं।
किसी से भी बुरा व्यवहार न करें। ऐसा करने से शनि देव नाराज होते हैं और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, शनि देव के बुरे प्रभावों से बचने के लिए इस दिन पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com