दिवाली का पर्व शुरू हो चुका है। धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल नरक चतुर्दशी 11 नवंबर को मनाई जा रही है।
इसे रूप चौदस और काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी का शास्त्रों में विशेष महत्व है। इसको लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं।
एक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर 16,000 राक्षसों का वध किया था।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा करने की विधि के बारे में बताएंगे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
इस दिन घर की साफ-सफई करें फूलों से सजाएं और रोशनी व दिया से घऱ को रोशन करें। शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधि-विधान से करें और फिर खीर, हलवा का भोग लगाएं, इसके अलावा मिठाई और सूखे मेवे का भोग लगाएं।
पूजा के बाद भगवान की आरती करें और फिर आशीर्वाद की कामना करें, इसके बाद मिट्टी के 11 दीपक जलाएं।
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