सावन का पवित्र मास शुरु हो चुका है। यह भगवान शिव का महीना होता है। इसमें भगवान शिव की पूजा, आराधना की जाती है।
इस महीने का अत्यधिक महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने माता पार्वती की इच्छा पूरी की।
पूजा करने के कुछ नियम होते हैं, शिव की पूजा करने के कुछ नियमों के बारे में बात करेंगे।
भगवान शिव की आराधना के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें, स्वच्छ कपडें पहनकर मंदिर जाएं।
मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक गाय के दूध, गंगाजल, गन्ने के रस से करें। बेलपत्र, फूल, शमी के पत्ते, धतूरा, भांग आदि भगवान को अर्पित करें।
इस महीने में तामसिक भोजन, मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन न करें। तन के साथ-साथ मन को भी स्वच्छ रखें।
सावन में पूजा सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, पंचामृत, चंदन, रोली, इलायची, पंचमेवा का उपयोग करें।
सावन के पहले दिन शिव जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 8 बजकर 39 मिनट तक है। इस समय शिव की पूजा करें।
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