प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें भोले नाथ की पूजा, बनेंगे सारे काम


By Amrendra Kumar Yadav06, Feb 2024 02:50 PMjagran.com

प्रदोष व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत हर महीने में 2 बार पड़ता है। यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है।

भगवान शिव की पूजा

इस दिन भक्तगण भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि का पालन करते हैं, इस दिन व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कब है प्रदोष व्रत

माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि का आरंभ 7 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर शुरु हो रहा है और अगले दिन सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रहा है।

7 फरवरी को रखा जाएगा व्रत

प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है, ऐसे में 7 फरवरी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। चूंकि यह प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

कैसे करें पूजा?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें और स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर शिवजी की पूजा करें और शिव जी के समक्ष दीपक जलाएं।

शिवलिंग पर करें जलाभिषेक

इसके बाद शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करें।

शिवलिंग पर अर्पित करें बेलपत्र, धतूरा

शिव जी की पूजा करते समय शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, धूप, दीप, अक्षत, फल, मिठाई आदि अर्पित करें, इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

शिवजी और माता पार्वती की करें आरती

पूजा के बाद शिव जी और माता पार्वती की आरती करें और शुभ फलों की कामना करें, इसके बाद प्रसाद वितरित करें।

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