हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। यह व्रत महीने में 2 बार होता है।
षटतिला एकादशी माघ महीने के कृष्ण पक्ष को पड़ती है, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इनकी पूजा विधि-विधान से करने पर जीवन के सारे संकट दूर होते हैं।
इस दिन भगवान को तिल का भोग लगाया जाता है और तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस एकादशी को तिल एकादशी भी कहते हैं। षटतिला एकादशी का व्रत 6 फरवरी को रखा जाएगा।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर मंदिर की सफाई करें और फिर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर गंगा स्नान करें, यदि गंगा स्नान संभव नहीं है तो नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और तिल का भोग अवश्य लगाएं। ऐसा करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
पूजा करते समय एकादशी व्रत की कथा पढ़ें, इस दिन तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पूजा के समय ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें, इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
व्रत के अगले दिन सुबह उठकर भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर ब्राह्मणों को भोग लगाकर व्रत का पारण करें।
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