अक्सर लोगों पर शत्रु हावी होने लगते हैं। इससे बचने के लिए कई तरह के उपाय करने चाहिए। आइए जानते हैं कि शत्रुओं को पराजित करने के लिए नीलकंठेश्वर की पूजा कैसे करनी चाहिए?
उज्जैन में एक ऐसा दिव्य शिव मंदिर है जहां पर भोलेनाथ का चमत्कारी शिवलिंग है। इस मंदिर के द्वार पर नंदी की प्रतिमा भी है।
नीलकंठेश्वर भगवान के दर्शन करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस मंदिर में सोमवार को पूजा करना अच्छा माना जाता है।
नीलकंठेश्वर मंदिर पर 12 साल तक अखंड रामायण का पाठ किया गया था। यह रामायण 2004 से 2016 तक चला था।
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की पूजा करने से शिव का सान्निध्य प्राप्त होता है। इसके अलावा कई तरह की बाधाएं भी दूर होती हैं।
इस मंदिर में राजा सत्य विक्रम ने शत्रु की पराजय के लिए शिवलिंग की पूजा की। इस दौरान उन्हें शिव की आराधना करने को कहा। इसा करने के बाद शत्रु की पराजय हो गई।
इस चमत्कार के बाद नीलकंठेश्वर मंदिर काफी विख्यात हो गया। दूर-दूर से आकर लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति की मन्नत मांगने लगे।
जिन लोगों का कार्य में सफलता नहीं मिल रही होती है, उन्हें नीलकंठेश्वर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इससे कार्यों में जल्द सफलता मिलती है।
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