यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा की जाती है।
इस दिन नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प दोष और राहु-केतु दोष से छुटकारा मिलता है।
इस साल नाग पंचमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है।
इस दिन शुक्ल योग और अभिजीत योग का निर्माण हो रहा है, जिस वजह से नाग पंचमी का महत्व और बढ़ गया है।
इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। शिव जी की पूजा करने से वह भक्तों को वरदान देते हैं।
पूजा करते समय शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें और बेलपत्र, गन्ने का रस, दूध आदि अर्पित करें।
कुंडली के दोषों से छुटकारा पाने के लिए बहते हुए जल में चांदी के नाग-नागिन के जोड़ों को प्रवाहित करें।
इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और नागों के 12 नामों का जाप करें।
आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com