यह एकादशी तीन साल में एक बार आती है। अधिकमास में पड़ने वाली इस एकादशी का विशेष महत्व है।
अधिकमास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली इस एकादशी को परम एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
इस बार यह एकादशी शनिवार के दिन पड़ रही है। इस वजह से भगवान विष्णु और शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
इस दिन कुछ उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।
शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं तो इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
इस दिन कौए को भोजन कराने से शनि दोष दूर होता है। कौआ शनि देव का वाहन माना जाता है।
इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
इस दिन स्वर्ण दान, अन्न दान, विद्या दान करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा के समय पंचामृत अर्पित करें।
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