हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान करने का विधान है। आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने से क्या फायदा होता है?
यह पर्व माघ मास में पड़ता है। इस साल मौनी अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 10 फरवरी को प्रात:काल 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी।
मौनी अमावस्या यानी 9 फरवरी को सुबह से ही स्नान करने का मुहूर्त है। स्नान करने के बाद सूर्य देव के जल अर्पित करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली परेशानी दूर होने लगती है।
ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से स्वास्थ्य को बेहद फायदा होता है।
ज्योतिष के अनुसार, चंद्र देव को मन का कारक माना जाता है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखकर अपने मन को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे आपको मन भी शांत रहता है।
मौन धारण करते ध्यान करने में आसानी होती है। मौन व्रत रखने से व्यक्ति को खुद को पहचानने में भी आसानी होती है। इसके साथ ही इससे मोक्ष का मार्ग भी निर्धारित होता है।
अपनी वाणी को शुद्ध करने के लिए मौन व्रत रखना जरूरी होता है। मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखने से वाणी शुद्ध होने लगती है और समाज में मान-प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
इस दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। अमावस्या को स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को कंबल और वस्त्र दान करें। इससे जीवन में खुशहाली आती है।
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