Mauni Amavasya: इस दिन क्यों रहा जाता है मौन, जानें इसका महत्व


By Ashish Mishra06, Feb 2024 12:15 PMjagran.com

मौनी अमावस्या 2024

हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान करने का विधान है। आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने से क्या फायदा होता है?

कब है मौनी अमावस्या?

यह पर्व माघ मास में पड़ता है। इस साल मौनी अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 10 फरवरी को प्रात:काल 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी।

स्नान-दान करना

मौनी अमावस्या यानी 9 फरवरी को सुबह से ही स्नान करने का मुहूर्त है। स्नान करने के बाद सूर्य देव के जल अर्पित करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली परेशानी दूर होने लगती है।

मौन व्रत रखना

ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से स्वास्थ्य को बेहद फायदा होता है।

मन को नियंत्रित करना

ज्योतिष के अनुसार, चंद्र देव को मन का कारक माना जाता है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखकर अपने मन को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे आपको मन भी शांत रहता है।

मोक्ष की प्राप्ति

मौन धारण करते ध्यान करने में आसानी होती है। मौन व्रत रखने से व्यक्ति को खुद को पहचानने में भी आसानी होती है। इसके साथ ही इससे मोक्ष का मार्ग भी निर्धारित होता है।

वाणी में शुद्धता

अपनी वाणी को शुद्ध करने के लिए मौन व्रत रखना जरूरी होता है। मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखने से वाणी शुद्ध होने लगती है और समाज में मान-प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।

मौनी अमावस्या को दान करना

इस दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। अमावस्या को स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को कंबल और वस्त्र दान करें। इससे जीवन में खुशहाली आती है।

पढ़ते रहें

अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ

Shattila Ekadashi पर करें ये 5 खास उपाय, खुलेगी बंद किस्मत