रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में लगातार अनाज का संकट है। लेकिन भुखमरी को कम करने के लिए रूस और यूक्रेन के बीच एक समझौता हुआ था।
इस समझौते के मुताबिक रूस- यूक्रेन के आनाज निर्यात वाले जहाजों को टार्गेट नहीं करेगा। रूस ने इस समझौते को निलंबित करने का फैसला किया था।
लेकिन अब भारत, तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद दुनिया में खाद्यान्न संकट टल गया है।
ठंड के मौसम में गरीब देशों के करोड़ों लोगों के भूख से तड़पने की आशंका से रूस ने खाद्यान्न निर्यात के समझौते में वापस लौटने का निर्णय लिया है।
इस समझौते के तहत यूक्रेन से काला सागर के जरिये खाद्यान्न का निर्यात हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप पश्चिमी देशों ने रूस को खाद्यान्न निर्यात की अनुमति दे रखी है।
बता दें रूस और यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान्न निर्यातक देश हैं। दोनों देश दुनिया की जरूरत का करीब 35 प्रतिशत खाद्यान्न निर्यात करते हैं।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन ने उसे काला सागर में खाद्यान्न निर्यात के लिए बनाए गए मार्ग का सैन्य कार्यों में उपयोग न करने की गारंटी दी है।
इससे पहले भारत, तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र ने रूस से खाद्यान्न समझौता जारी रखने का अनुरोध किया था।