कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों में काफी मतभेद है। जन्माष्टमी का त्योहार यह प्रत्येक भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि भगवान कृष्ण के पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
जन्माष्टमी के दिन मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस बार जन्माष्टमी के दिन को लेकर काफी असमंजस है।
इस बार जन्माष्टमी कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 06 सितंबर दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 07 सितंबर को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट तक रहेगी।
इस बार रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर सुबह 09 बजकर 20 मिनट से 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। ऐसे में 06 सितंबर को मध्यरात्रि में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
आपको बता दें कि वैष्णव सम्प्रदाय के लोग अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में इस सम्प्रदाय के लोग 07 सितंबर को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे।
जन्माष्टमी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 06 सितंबर रात्रि 11 बजकर 17 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इस समय पूजा करना शुभ माना जाएगा।
जन्माष्टमी के दिन हर्षण योग रात्रि 10 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। रवि योग 06 बजकर 01 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 तक रहेगा। इसके अलावा पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
इन शुभ योग में पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है। इससे भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहती है।
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