ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष को बहुत ही हानिकारक बताया गया है।
अगर सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है।
ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में 12 प्रकार के काल सर्प दोष बनते हैं, जिस कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में आइए कालसर्प दोष के लक्षण और उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें नौकरी-व्यापार में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा सपने में सांप अधिक दिखाई देना, गृह क्लेश रहना, कार्य में बाधा आना और शत्रुओं का आप पर हावी होना आदि शामिल है।
कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सोमवार के दिन भगवान शिव के शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हुए महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
सोमवार या शिवरात्रि या नागपंचमी वाले दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाने या अभिषेक करने से सर्प दोष दूर किया जा सकता है।
घर में मोर पंख धारण कर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के साथ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए।