हिंदू धर्म शास्त्र में चैत्र और अश्विन मास में आने वाली नवरात्रि को काफी अहम बताया गया है।
नवरात्रि में कन्या पूजन को अत्यंत शुभ माना जाता है। मानते हैं कि नवरात्रि पर व्रत का लाभ तभी प्राप्त होता है जब कन्या पूजन किया जाए।
इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को घर में बुलाकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें पकवान खिलाए जाते हैं।
भोजन के पश्चात इन कन्याओं से आशीर्वाद लेकर इन्हें उपहार या दक्षिणा दी जाती है। ऐसा करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं। जानिए अहम बातें।
सुबह उठकर नहाने के बाद पूरी, सब्जी, मीठा भोजन बनाएं और कन्याओं को सुबह भोजन के लिए आमंत्रित करें।
कन्या भोजन में 2 साल से लेकर 10 साल के बीच की कन्याएं ही होनी चाहिए और कन्या भोज में कन्याओं की संख्या 9 होनी चाहिए।
कन्याओं को बैठाने के लिए ऊंचे स्थान की व्यवस्था करें। इसके बाद इनके पैर परात या बर्तन में रखकर अपने हाथों से धो लें और पैर पूजते हुए अक्षत, पुष्प, कुमकुम चढ़ाएं।
इसके बाद इन कन्याओं का पूजन करते हुए टीका लगाएं और इनके हाथों में रक्षा सूत्र बांधें।
इसके बाद इन्हें भोजन कराएं। इसके बाद इन कन्याओं को वस्त्र का उपहार या दक्षिणा देकर विदा करें।